उड़ान पंखों से नहीं, हौंसलों से होती है।
--------
कहानियों का अंत होता है, दास्तानों का नहीं ।
---------
कुछ चीज़ें और रिश्ते बनते ही ख़तम होने के लिए हैं, कितनी भी मेहनत करो उनके लिए अंत में उनको राख ही होना होता है
---------
--------
कहानियों का अंत होता है, दास्तानों का नहीं ।
---------
कुछ चीज़ें और रिश्ते बनते ही ख़तम होने के लिए हैं, कितनी भी मेहनत करो उनके लिए अंत में उनको राख ही होना होता है
---------
ख्वाब अधूरे रहना का नहीं, टूटने का डर है।
----------
जिन्हें हमारे अलफ़ाज़ भी ना समझ आये उनको नैनो मे बसा दर्द या ख़ुशी कहा से समझ आएगी
जिन्हें हमारे अलफ़ाज़ भी ना समझ आये उनको नैनो मे बसा दर्द या ख़ुशी कहा से समझ आएगी
--------
टूटने को तो कुछ था ही नहीं बस जो जैसा था वो उजड़ गया और कुछ नहीं.
----------
ज़िन्दगी भर जंजीरों ने जकड के रखा आज जब उनसे रिहा हो गए तब भी आजादी का एहसास नहीं हो रहा क्यूंकि उन जंजीरों से रिहा हो कर अपनी कैद मे फिर बंध गए.
आजादी तो कहीं मिली ही नहीं
----------कहानियाँ अनकही नहीं सिर्फ अनसुनी होती है।
----------
उस से इतनी मिन्नतें करीं
की कमबख्त दर्द भी बोल पड़ा
की ये मै नहीं ऐ नादान
ये तेरा इश्क है जो
तेरे अश्कों तक को कैद करके बैठा है
---------------
तुम मेरी वो दुआ हो
जो किसी फ़रिश्ते ने
मेरे हक में पढ़ी है
तुम वो मन्नत हो
जो कुबूल हुई है
आखिर कैसे देखू तुम्हे यूं राख होते हुए
Nice poem Devyani... You can extend your fan club with Saavan.in ... Publish your poetry..its easy and free!
ReplyDeletewww.saavan.in/about
hello!
DeleteThank you for visiting Green Hugs. I am so glad you liked my poems.
I will surely visit your website :)
Regards,
Devyani