हर वो इंसान जो कला को आकार दे वो कलाकार होता है. कलाकार कोई इंसान नहीं, इंसान कलाकार होता है. कला हर इंसान मे है. जो कलाकारी कर दे वो कलाकार होता है. कला कोई चीज़ नहीं हर चीज़ मे कला है, किसी भी चीज़ को दिल से करना और उससे बखूबी निभाना ही कला की आअराधना है.
कागज़ पर रंगों से भावनाओं को अभिव्यक्त करने वाला चित्रकार, सुरों के द्वारा रूह को छूने वाला संगीतकार, शब्दों से कहानियों मे प्राण डालने वाला साहित्यकार और हर वो इंसान जो ज़िन्दगी मे मुस्कुराए और बाकी लोगों के मुकुराने की वजह बने वो होता है जीवन का कलाकार! :) :D
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