Wednesday, 15 April 2015

होने दो!

अश्कों को बहने दो
मुस्कान को फैलने दो
ना रोको उसे जो बस मे ना हो

रंगों को खिलने दो
सुरों को मिलने दो
इस सुकून को फलने दो

ना कल की चिंता करो
ना बीते वक़्त का अफ़सोस करो
जो आज है उसे जी लेने दो

प्यार करो
नफरत से ना डरो
बस सब युही होने दो

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