Friday, 22 May 2015

मंज़िल!

मंज़िलें होती नहीं हैं
बनानी पड़ती हैं
ढूँढनी पड़ती हैं
पहचानी पड़ती हैं

सबकी अलग - अलग
अजब - गज़ब सी
होती हैं मंज़िले

किसी की मंज़िल
ज़िन्दगी होती है
किसी की ज़िन्दगी
मंज़िल होती है

किसी को मंज़िलों से
उम्मीद होती है
किसी की उम्मीद की बुनियाद
से ही बनती है मंज़िल

किसी की मंज़िल को
पाना मंज़िल होती है
किसी की मंजिल तक
जाने का सफ़र अपने आप मज़िल होती है

हर मंज़िल को
पाने की
एक अपनी ही
ख़ुशी होती है


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