बरकतों का पैगाम मिले
अपनों का अपनापन मिले
आप वक़्त की नहीं
वक़्त आपकी इबादत करे
भूखे को रोटी मिले
प्यासे को पानी मिले
अज्ञानी को ज्ञान मिले
किसान का अनाज कभी न सड़े
अश्कों की बूंदे आपकी आँखों से वंचित रहें
मुस्कान आपकी शौहरत
और मुहब्बत आपकी दौलत बने
क्या इन सबके बाद भी
आप रूपए की दुआ कीजियेगा?
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