Green Hugs!
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Monday, 1 June 2015
चाहत!
ना वक़्त की इफ्फाज़त की है
ना की अपनों की क़द्र
ना सुनी धड़कने दिल की
ना रक्त के बहने का हुआ कभी एहसास
बस एक मुस्कान की आस है
प्यार की प्यास है
जिंदा रहने की चाह है
और जीने के रज़ा है
ऐ खुदा बस यही
मेरी दुआ
मेरी मन्नत
मेरा मकसद है
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