Tuesday 25 May 2021

अब क्या बताएँ?

अब क्या बताएँ  कुछ बताने को बचा है क्या?
उनकी जहालत और अपनी मोहब्बत  
के ऊपर उठ चुका है सब. 

अब ना जाने कौन कहाँ  
राख हो रहा है 
ना पता किसको कौन किधर 
दफ़न कर आगे बढ़ चला है. 

अब क्या बताएँ?
कौन ज़िंदा है, कौन मर गया 
खुद का होश तक नहीं  
ज़माने को बचाने जाएँ कहाँ. 

उनको देखना था आख़री बार 
पर अब वो मर गए 
अब उम्मीद आए भी 
तो करें क्या. 

अब क्या बताएँ?
अहंकार, पाखंड, भ्रष्टाचार 
में समाये हुए 
वो ज़ालिम सुनते भी कहाँ. 

हम यहाँ मर रहे हैं 
हमारे अपने वहाँ मर चुके हैं 
और वो जाहिल पूछ रहें हैं 
बताओ अपना आज हाल क्या. 

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