Saturday 23 May 2015

खून ना बहाओ!

लोग कहते हैं खून बहाना बुरी बात है. आज पहली बार लोगों की बात सही लग रही है मुझे. खून बहाने के लिए नहीं उबालने के लिए होता है, गुस्से की आग से उबालने के लिए, गलत का विरोध करने के लिए, अपने  हक को छीन ने के लिए और अपने सपनों के बीच में आने वाले हर उस इंसान को उस खून की उबलती हुई आग में राख करने के लिए. इस आग के साथ जीना बहुत मुश्किल होता है. कई बार मृत्यु आसान लगेगी, पर ये बात समझ लीजिये कि इस आग को पालने के बाद, इस जूनून को पालने के बाद जब सच में मर रहे होगे तो एक अजीब सा सुकून महसूस होगा. इसलिए अपनी ज़िन्दगी को आग में तपने दीजिये, सपने देखिये, हक छीनये अपने पर कभी हार मत मानियेगा. और हाँ! इस आग को भुजाने की हिम्मत मत करना खुद ही जल जाओगे. अपनी जान लेना आसान नहीं होता पर अपनी जान को लोगों के हवाले करके उनको उस जान का मज़ाक बनते देखना और भी मुश्किल होता है. ज़िन्दगी सपने और रगों में बहता खून तीन ऐसी चीज़ें हैं जो कोई नहीं छीन सकता...


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