Wednesday 10 June 2015

कुछ अलफ़ाज़, बस यूँ ही - 02!

कला में कोई ऐब और मलाल नहीं होता, कला तो इश्क है सच्चा और पाक | दिल से निकलता है आत्मा से संचालित होता है |
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जब मेरे अश्कों का दर्द समझ नहीं आया तो मेरी मुस्कान की कीमत क्या समझ आएगी...
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तसवीरें और यादें कितनी भी धुंदली क्यूँ ना हो, ज़हन में हमेशा ही रहती हैं...
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भागने के लिए वजह नहीं जूनून चाहिए होता है।
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ढूँढो ज़िन्दगी के सातों रंग, महसूस करो सातों सुर, अपनाओ हर खवाब और जियो हर लम्हा
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यादों के सीने में नफरत को कभी पान्हा न देना...
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पैसे तुम्हारी ज़िन्दगी का एक हिस्सा हैं,शायद काफी एहम हिस्सा.पर याद रखना पैसा तुम्हारी ज़िन्दगी का सिर्फ एक हिस्सा है
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यादों का सीने में बस जाना बहुत खूबसूरत और दर्दनाक होता है
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मृत्यु अंत नहीं है
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जैसी बची है वैसी ही बचा लो ये दुनिया..


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